भारत 1984 में शुरू हुए इन खेलों के सभी आयोजन में मेडल तालिका में शीर्ष पर रहा है। मंगलवार को इन खेलों के आखिरी दिन भारत ने 15 गोल्ड सहित दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 18 मेडल हासिल किए। इसमें मुक्केबाजों ने छह गोल्ड और एक सिल्वर मेडल हासिल किया। बास्केटबॉल में भारत की पुरूष और महिला टीमों ने क्रमश: श्रीलंका (101-62) और मेजबान नेपाल (127-46) को हराकर गोल्ड मेडल हासिल किए। विकास कृष्ण (69 किग्रा) और पिंकी रानी (51 किग्रा) की अगुआई में भारत ने 6 और गोल्ड मेडल जीते जिससे भारतीय मुक्केबाजी दल ने अपने अभियान का अंत 16 मेडल के साथ किया।
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पुरुष वर्ग में विकास के अलावा स्पर्श कुमार (52 किग्रा) और नरेंदर (91 किग्रा से अधिक) ने भी गोल्ड मेडल जीते जबकि महिला मुक्केबाजों में सोनिया लाठेर (57 किग्रा) और मंजू बमबोरिया (64 किग्रा) ने भी सोने के तमगे हासिल किए। भारत ने यहां मुक्केबाजी स्पर्धाओं में 12 गोल्ड, तीन सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता।
कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट विकास ने पाकिस्तान के गुल जैब को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया। नरेंदर को भी नेपाल के आशीष दुवादी को 5-0 से हराने के लिए अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा। स्पर्श कुमार को हालांकि पाकिस्तान के सैयद मोहम्मद आसिफ के खिलाफ 4-1 की जीत के दौरान कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वरिंदर सिंह (60 किग्रा) स्पर्धा के अंतिम दिन फाइनल में शिकस्त झेलने वाले एकमात्र भारतीय रहे। उन्हें कड़े मुकाबले में नेपाल के सानिल शाही के खिलाफ 2-3 की हार से सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।
मंगलवार को फाइनल में उतरीं भारत की सभी महिला मुक्केबाजों ने गोल्ड मेडल जीता। विश्व चैंपियनशिप की पूर्व सिल्वर मेडल विजेता सोनिया ने श्रीलंका की क्रिस्मी आयोमा दुलांग लंकापुरयालगे के खिलाफ 5-0 की आसान जीत दर्ज की जबकि राष्ट्रमंडल खेल 2014 की ब्रॉन्ज मेडल विजेता पिंकी और मंजू को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रानी ने नेपाल की राइ माला को 3-2 से हराया जबकि मंजू ने भी नेपाल की पूनम रावल को इसी अंतर से मात दी।
Source: Sports