जिम्बॉब्वे: एक दिन में ब्रेड कीमत बढ़ी 60% तक

हरारे जिम्बाब्वे में अचानक 60% तक ब्रेड की कीमतें बढ़ गईं। गंभीर आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहे देश के लिए अचानक बढ़ी ब्रेड की कीमतों ने मुश्किल हालात पैदा कर दिए हैं। जिम्बाब्वे में चीजों के बढ़े हुए दाम ने आम नागरिकों की चुनौती और बढ़ा दी है। करीब 1 दशक पहले महंगाई दर 500 बिलियन परसेंट तक चला गया था। इस अप्रत्याशित महंगाई दर ने देश को अपने ही करंसी को खत्म करने के लिए मजबूर कर दिया है।

महंगाई से जूझ रहे जिम्बाब्वे में लोग खा रहे एक वक्त का खाना
अफ्रीका के दक्षिणी हिस्से में आनेवाले इस देश के नागरिक जरूरत की चीजों के भी मोहताज हैं। देश की बड़ी आबादी दिन भर में सिर्फ एक बार ही खाना खा पा रही है। आर्थिक संकट इतना अधिक है कि लोगों को रोजमर्रा की जरूरत जैसे दवाइयां और पेट्रोल भी नहीं मिल पा रहा है। विक्रेताओं का कहना है कि प्रॉडक्शन की कीमतों में उछाल के कारण मूल्य बढ़ाना हमारी मजबूरी है।

एक दिन में 9 डॉलर से 15 डॉलर हुई ब्रेड की कीमत
ब्रेड की कीमतों में एक दिन के अंदर ही लगभग 60 गुना तक बढ़ गई। एक ब्रेड की कीमत बुधवार को बढ़कर 15 जिम्बाब्वे डॉलर तक पहुंच गई है, जबकि एक दिन पहले तक इसकी कीमत 9 डॉलर थी। जिम्बाब्वे में ब्रेड दूसरा सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न है। ब्रेड के अलावा जिम्बाब्वे में स्थानीय डिश जिसे क्षेत्रीय भाषा में सादजा कहा जाता है काफी खाया जाता है।

बढ़ती महंगाई के कारण कर्मचारी नहीं जा रहे नौकरी पर
सरकार के हजारों कर्मचारी बढ़ती महंगाई के कारण काफी परेशान हैं। सरकार के सैंकड़ो कर्मचारी ने इस सप्ताह ड्यूटी पर जाने से इनकार कर दिया क्योंकि उनके भत्ते और वेतन जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। पिछले सप्ताह प्रशासन ने बिजली के दाम में भारी वृद्धि की जबकि पहले से ही देश बिजली संकट का सामना कर रहा है। अगस्त में ही बिजली 400 परसेंट तक बढ़ा दी गई। इस महीने की शुरुआत में देश में पेट्रोल की कीमतों को 25 परसेंट तक बढ़ाया गया है। पिछले महीने देश की महंगाई दर 290 परसेंट तक पहुंच गई थी।

Source: International

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