केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में खरीफ अभियान 2025 पर राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का सफल आयोजन

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में खरीफ अभियान 2025 पर राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का सफल आयोजन

अध्यक्षता में खरीफ अभियान 2025 पर राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का सफल आयोजन

श्री चौहान ने 29 मई से विकसित कृषि संकल्प अभियान संचालन की घोषणा की

सम्मेलन में 10 से अधिक राज्यों के कृषि मंत्रियों की सहभागिता

वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ तकनीकी सत्र संपन्न

रायपुर, 08 मई 2025

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली स्थित पूसा कैंपस के भारत रत्न सी. सुब्रह्मण्यम ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-खरीफ अभियान 2025 का सफल आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर 10 से अधिक राज्यों के कृषि मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिकगण एवं तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जबकि अन्य राज्यों के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।

श्री चौहान ने 29 मई से विकसित कृषि संकल्प अभियान संचालन की घोषणा की

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की 145 करोड़ जनता के लिए पर्याप्त खाद्यान्न, फल एवं सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने 29 मई 2025 से विकसित कृषि संकल्प अभियान के रूप में राष्ट्रव्यापी जन-जागरूकता अभियान प्रारंभ करने की घोषणा की, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिकों की 4-4 सदस्यीय टीमें गांव-गांव पहुंचकर किसानों को उन्नत तकनीक, नई किस्मों एवं आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देंगी।

बैठक को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आतंकवाद के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से देश ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की अनुमति किसी को नहीं है। सिंधु जल संधि को ऐतिहासिक भूल बताते हुए कहा कि अब सिंधु नदी के जल का एक-एक बूंद किसानों के हित में उपयोग किया जाएगा।

श्री चौहान ने 29 मई से विकसित कृषि संकल्प अभियान संचालन की घोषणा की

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा 2,900 से अधिक नई कृषि किस्मों का विकास किया गया है। इसमें दो नई धान किस्में विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, जो कम समय में पककर पानी की बचत करती हैं। धरती की उर्वरा शक्ति बनाए रखने हेतु संतुलित उर्वरक उपयोग और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

मंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह खरीफ सम्मेलन केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने, लागत घटाने, उपज को उचित मूल्य दिलाने और जलवायु अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक ठोस पहल है। उन्होंने आगामी रबी सम्मेलन अक्टूबर माह में कराने की भी घोषणा की।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री रामनाथ ठाकुर, कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (उर्वरक) श्री रजत कुमार मिश्रा, डीडीजी (कृषि प्रसार) डॉ. राजबीर सिंह, डीडीजी (फसल विज्ञान) डॉ. डी. के. यादव, मौसम वैज्ञानिक श्री राहुल सक्सेना, एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री पेरिन देवी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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