कुर्दों को अकेला छोड़ने पर ट्रंप, 'फरिश्ते नहीं हैं'

वॉशिंगटन
ने सीरिया में अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने रणनीतिक रूप से शानदार कदम उठाए। उन्होंने तुर्की के हमलों में कुर्द सहयोगियों का साथ छोड़ने पर भी सख्त टिप्पणी की और कहा, ‘कुर्द फरिश्ते नहीं हैं।’ ट्रंप तुर्की को उत्तरी सीरिया पर हमलों का मौका देने के लिए तीखी आलोचना का सामना कर रहे हैं।

‘कुर्दों के लिए बोले ट्रंप, फरिश्ते नहीं हैं वे लोग’
वाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान विपक्ष की इन चिंताओं को खारिज कर दिया। उन्होंने यह बात ऐसे समय में कही जब उपराष्ट्रपति माइक पेंस और विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो तुर्की के राष्ट्रपति रिजेप तैय्यप आर्दोआन को हमले रोकने के लिये मनाने की खातिर तुर्की जाने की तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप ने इटली के राष्ट्रपति सर्गेइ मत्तारेली से मुलाकात के इतर कहा, ‘मैं सीरिया- तुर्की की सीमा पर स्थिति को अमेरिका के लिये रणनीतिक रूप से शानदार मान रहा हूं।’

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‘सीरिया में जाने का फैसला तुर्की का है, यह अमेरिका का मामला नहीं’उन्होंने अमेरिकी सैनिकों के पूरी तरह से सुरक्षित होने का आश्वासन दिया। ट्रंप ने कहा, ‘हमारे सैनिक वहां नहीं हैं। हमारे सैनिक पूरी तरह सुरक्षित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सीरिया में तुर्की गया है। अगर सीरिया में तुर्की जाता है तो यह तुर्की और सीरिया के बीच का मामला है। यह तुर्की और अमेरिका के बीच का मामला नहीं है, जैसा कि कुछ मूर्ख लोग मानते हैं।’

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कुर्दों की सुरक्षा का भी भरोसा देते हुए उन्होंने कहा, ‘कुर्द अब काफी सुरक्षित हैं, वे जानते हैं कि कैसे लड़ा जाता है और जैसा कि मैंने कहा कि वे फरिश्ते नहीं हैं। अगर आप गौर से देखेंगे तो वे फरिश्ते नहीं हैं।’ बता दें कि अमेरिका ने सीरिया में आईएस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने वाले कुर्दों का साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद अमेरिकी सैनिक कुर्द इलाकों से वापस आ गए थे। अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने के बाद तुर्की ने पिछले सप्ताह वहां हमले शुरू कर दिए थे।

Source: International

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