इमरान के सुझावों पर सऊदी ने नहीं दिया कोई जवाब
इमरान ने सऊदी अरब के किंग और क्राउन प्रिंस से मंगलवार को मुलाकात की थी। यह ईरान के साथ चल रहे सऊदी अरब के तनाव को समाप्त करने की कोशिश का हिस्सा था, लेकिन सऊदी अरब के नेतृत्व ने इमरान के सुझावों पर कोई जवाब नहीं दिया। सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री अदल अल जुबेर ने कहा कि उनके देश ने पाकिस्तान को मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा था और ईरान का यह मानना है कि संकट को मध्यस्थता के साथ या उसके बिना समाप्त किया जा सकता है। इससे पहले ईरान दौरे पर भी इमरान को ठंडी प्रतिक्रिया मिली थी। इमरान के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी सऊदी अरब गया था। इसमें विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल थे।
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ऐसी रिपोर्ट है कि सऊदी अरब का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र में ईरान पर इमरान की टिप्पणियों, दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध की चेतावनी देने और कश्मीर के मुद्दे को इस्लामिक उम्मा के लिए उठाने से नाराज है। भारत और सऊदी अरब के बीच भागीदारी बढ़ाने के लिए काउंसिल बनाने के समझौते पर प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। काउंसिल बनाने का फैसला सलमान के फरवरी में भारत दौरे के दौरान किया गया था। काउंसिल में दोनों देशों के विदेश और वाणिज्य मंत्री शामिल होंगे।
सऊदी और भारत के बीच हो रहे हैं संबंध काफी मजबूत
सऊदी अरब में मोदी फ्यूचर इनवेस्टमेंट इनिशिएटिव को संबोधित करेंगे। इससे भारत को विदेशी निवेश हासिल करने में मदद मिल सकती है। मोदी की सलमान के अलावा सऊदी अरब के किंग से भी मुलाकात हो सकती है। इकनॉमिक टाइम्स को पता चला है कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा को लेकर विस्तृत बातचीत भी शुरू की जाएगी। भारत और सऊदी अरब की नौसेना का संयुक्त अभ्यास भी जल्द हो सकता है।
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जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 को समाप्त करने के भारत के फैसले पर सऊदी अरब ने एक तटस्थ रवैया रखा है। उसका कहना है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर के मुद्दे पर आपात बहस करने या प्रस्ताव लाने की पाकिस्तान की योजना में सऊदी अरब और कुछ अन्य इस्लामिक देश शामिल नहीं थे।
Source: International