भारतीय उपमहाद्वीप में आने वाली व्यापक बाढ़ को रोकने का संभावित उपाय खोजने वाले भारतीय सॉफ्टवेयर पेशेवरों के एक दल को आईबीएम ने 5,000 डॉलर के पुरस्कार से सम्मानित किया है। एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘आईबीएम ऐंड डेविड क्लार्क कॉज फाउंडेशन’ के ‘कॉल फॉर कोड 2019’ पुरस्कार की घोषणा शनिवार को यहां की गई जिसका विजेता पूर्व सूचक रहा।
इस दल में पुणे के कॉग्निजेंट के सॉफ्टवेयर पेशेवर हैं सिद्धमा तिगाड़ी, गणेश कदम, संगीता नायर और श्रेयस कुलकर्णी। आईबीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जलाशयों, बांधों आदि पर लगातार नजर रखकर तथा मौसम पूर्वानुमान जानकारी के आधार पर प्रॉजेक्ट पूर्व सूचक डेटा संग्रहित कर सकता है। इसकी मदद से वह बाढ़ का अनुमान लगाने वाला डेटा तैयार कर सकते हैं। इस डेटा का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियां, आपदा प्रबंधन दल कर सकते हैं। लगातार नवीन होने वाले और सुगमता से उपलब्ध डेटा बाढ़ को रोकने में मददगार हो सकते हैं जिससे जानमाल का नुकसान रोका जा सकता है।
पूर्व सूचक प्रॉजेक्ट के टीम लीडर तिगाड़ी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘जब हमने आईबीएम कॉल फॉर कोड के लिए तैयारी शुरू की थी तो सबसे पहले प्राकृतिक आपदाओं को पहचानने की कोशिश की जिनका भारतीय उप महाद्वीप पर बहुत असर होता है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने महसूस किया कि इनमें से बाढ़ एक मुद्दा है, एक ऐसा मुद्दा जिसमें प्रभावी प्रबंधन की कमी है और इसमें अनुमान तथा गंभीरता को कम करने के लिए प्रयास करने की सख्त जरूरत है।’ कॉल फॉर कोड 2019 एशिया प्रशांत में क्षेत्र से 15 देश शामिल हुए। अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे अधिक संख्या में डेवलपर भारत में हैं।
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