कोरोना के खिलाफ जंग में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान….रोज मनाया जा रहा है महिला दिवस

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में रोज महिला दिवस मनाया जा रहा है। कोरोना के खिलाफ जंग में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। महिलाओं ने न केवल पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर हर मोर्चे पर काम किया है,बल्कि कई मोर्चाें पर उनसे भी आगे रह कर काम किया है। चाहे वह महिला स्वास्थ्य कर्मी के रूप में चिकित्सक हो या एएनएम या मितानीन हो,सफाईकर्मी हो,कोविड वैक्सीन के लिए तैनात वैक्सीनेटर हो ,सभी ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। 700  से अधिक महिला वैक्सीनेटर पूरे  प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगा रही है। बच्चों के नियमित टीकाकरण अभियान में 5000 से अधिक एएनएम जुटी हुई हैं।

इसके अलावा राज्य में 16 जनवरी से शुरू हुए कोरोना टीकाकरण अभियान में प्रथम चरण में हेल्थ केयर वर्कर औऱ फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण किया गया। द्वितीय चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों का और  45 से 59 वर्ष के उन लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है,जो किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। राज्य में हो रहे कोविड टीकाकरण के (प्रथम एवं द्वितीय दोनों डोज) के आंकड़ों पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ में कोविड के खिलाफ जंग में महिलाओं की सहभागिता पुरुषों से कहीं ज्यादा है। राज्य में 2 लाख 54 हजार 565 पुरुषों का टीकाकरण हुआ है। वहीं 2 लाख 59 हजार 489 महिलाओं का तक टीकाकरण किया जा चुका है।

भारत सरकार के आंकड़ों पर नजर डालें तो 85 लाख 45 हजार 683 पुरुष व 69 लाख 93 हजार 594 महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। भारत सरकार की ओर से किए गए 1.55 करोड़ कोविड टीकाकरण के आंकड़ों पर नजर डालें तो 54 % पुरुषों का वहीं मात्र 45 % महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। छत्तीसगढ़ में हुए 5.14 लाख कोविड टीकाकरण में 50.47% महिलाओं का कोविड टीकाकरण किया जा चुका है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के सर्जरी विभाग में महिलाओं को निशुल्क ब्रेस्ट स्क्रीनिंग की सुविधा भी दी गई है। रेडियोलॉजी विभाग में ब्रेस्ट मैमोग्राफी या मैमो सोनोग्राफी की सुविधा भी महिलाओं को निशुल्क प्रदान की जाएगी। 35 से 65 उम्र तक की महिलाएं इस स्क्रीनिंग सुविधा का लाभ ले सकती हैं।

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