कोरोना पर हमारे खिलाफ हो रहा कुप्रचारः US

वॉशिंगटन
कोरोना वायरस के कहर से अपनों को बचाने के लिए प्रभावित देश कई उपाय कर रहे हैं, वहीं इस वायरस के प्रकोप ने अमेरिका और रूस को आमने-सामने ला दिया है। दरअसल, कुछ सोशल मीडिया हैंडल के जरिये ऐसा दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस के पीछे अमेरिका का हाथ है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि ये सोशल मीडिया रूस से जुड़े हुए हैं जो हमारी छवि खराब करने के लिए प्रॉपेगैंडा फैला रहे हैं। अमेरिका का कहना है कि इससे कोरोना से लड़ने में वैश्विक लड़ाई प्रभावित हो रही है।

अमेरिका का आरोप है कि हमारे खिलाफ साजिश रचते हुए ऐसी अफवाह फैलाई जा रही है कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) के पीछे वॉशिंगटन का हाथ है। अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने एएफपी से कहा कि रूस की तरफ से ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिये भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। यूरोपीय और यूरो-एशिया मामले के कार्यवाहक सहायक सचिव फिलिप रीकर ने कहा कि कोरोना के बारे में गलत जानकारियां फैलाकर रूस में मौजूद अराजक तत्व पब्लिक सेफ्टी के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं क्योंकि इससे वैश्विक स्वास्थ्य की लड़ाई से ध्यान हट रहा है।

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने यह वायरस इसलिए फैलाया ताकि चीन के खिलाफ आर्थिक युद्ध छेड़ा जा सके। ऐसा कहा गया है कि यह सीआईए द्वारा बनाया गया जैविक हथियार है या चीन के खिलाफ संदेश भेजने की पश्चिमी देश का प्रयास।

अमेरिकी विदेश विभाग की ‘ग्लोबल इंगेजमेंट सेंटर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि वे यही अकाउंट हैं जिसका इस्तेमाल सीरिया युद्ध, फ्रांस में येलो वेस्ट प्रदर्शन और चीली में व्यापक प्रदर्शन के दौरान किया गया था। वे कुछ उसी तरह का मेसेज कर रहे थे जो वे कोरोना वायरस के समय कर रहे हैं।

Source: International

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