लोगों ने गुरुवार को लोनी, पसौंडा, खोड़ा और शहरी क्षेत्र के पक्की मोरी इलाके में पहुंची टीम को जानकारी देने किया इनकार
प्रशासन को इसकी जानकारी देकर सहयोग मांगेगा जिला क्षय रोग विभाग
एनबीटी न्यूज, गाजियाबाद
जिले में सघन टीबी मरीज खोज अभियान के चंद दिन ही बीते हैं कि यह राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की खटाई में पड़ गया है। जिला टीबी विभाग की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान का कुछ इलाकों में विरोध शुरू हो गया। विरोध करने वालों का आरोप है कि सरकार इस अभियान के जरिये सीएए और एनआरसी के लिए डेटा लेना चाहती है। जिला रोग अधिकारी डॉ. जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन को अवगत करवाया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित करके उनसे सहयोग लिया जाएगा।
जिला क्षय रोग विभाग की ओर से टीबी मरीजों की तलाश के लिए 17 फरवरी से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने और टीबी की जांच शुरू की गई है। अभियान के तहत विभाग को लगभग साढ़े तीन लाख घरों में लोगों की जांच करनी है। गुरुवार को विभाग की टीम जब लोनी, पसौंडा, खोड़ा और शहरी क्षेत्र के पक्की मोरी इलाके पहुंची तो उसे विरोध का सामना करना पड़ा। इन इलाकों के मुस्लिम बहुल मोहल्ले और कॉलोनियों के कई लोगों ने टीम को जानकारी देने से इनकार कर दिया। लोगों का आरोप है कि टीबी अभियान के जरिये सरकार एनआरसी के लिए डेटा जमा करना चाहती है। टीबी विभाग के कर्मचारियों ने विरोध करने वालों को समझाया। इसके बावजूद वे परिवार की कोई भी जानकारी देने पर सहमत नहीं हुए। इस वजह से टीम को लौटना पड़ा।
50 ज्यादा परिवार ने किया विरोध
जिला क्षय रोग केंद्र के लैब सुपरवाइजर संजय यादव ने बताया कि चारों इलाकों में 50 से ज्यादा परिवारों ने टीबी अभियान का विरोध किया। उन्होंने सीएए और एनआरसी का जिक्र करते हुए टीम का इस अभियान के लिए सहयोग करने से इनकार कर दिया। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया है।
Source: Uttarpradesh