चीन के प्रभावित हुबेई प्रांत में फंसे पाकिस्तानी स्टूडेंट्स के पैरंट्स ने इमरान सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वे तीन दिन में उनके बच्चों को बाहर नहीं निकालते तो वे व्यापक प्रदर्शन करेंगे। दरअसल, केंद्रीय मंत्री हाई कोर्ट के आदेश पर पैरंट्स को हालात की जानकारी दे रहे थे। इसी दौरान पैरंट्स इतने नाराज हो गए कि वे मंत्रियों पर हमले को उतारू थे, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह मंत्रियों की जान बचाई।
‘द न्यूज’ की खबर के मुताबिक बुधवार को इस्लामाबाद में हुई ब्रीफिंग में सभागार में पूरी तरह अफरा-तफरी का माहौल था। स्थिति ऐसी हो गई कि पुलिसकर्मियों को प्रधानमंत्री के दोनों सलाहकारों को नाराज अभिभावकों के हमले से बचाना पड़ा। बाद में नाराज अभिभावकों ने मरगल्ला रोड पर यातायात जाम कर दिया।
इस दौरान एक अभिभावक ने प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकारों जफर मिर्जा और सैयद जुल्फिकार अब्बास बुखारी पर चिल्लाते हुए कहा, ‘आप हमारी हालत नहीं समझ सकते क्योंकि यह हमारे बच्चों से जुड़ा मसला है, आपके नहीं।’ एक अन्य अभिभावक ने कहा, ‘मैं पहले ही बता देता हूं कि आज से दो महीने बाद आप इसी सभागार में हमारे बच्चों की शहादत पर हमें मुआवजे के चेक देने के लिए समारोह आयोजित करोगे।’
बता दें कि इमरान सरकार ने चीन से दोस्ती दिखाते हुए अपने नागरिकों को हुबेई से नहीं निकालने का फैसला किया है जिसकी उनके देश में काफी किरकिरी हो रही है। चीन में फंसे पाकिस्तानी स्टूडेंट्स का विडियो भी काफी वायरल हुआ है जो अपनी सरकार को कोस रहे हैं और भारत की तारीफ कर रहे हैं। वहीं, सरकारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से फोन पर बात की थी और यही बात दोहराई थी कि पाकिस्तान की सरकार कोरोना वायरस को समाप्त करने के चीन के प्रयासों में उसके साथ डटकर खड़ी है।
Source: International