डॉक्टर लगा रहे VIP ड्यूटी से बचने के बहाने, विभाग में घमासान

Bसीएम के साथ ड्यूटी के दौरान एक जवान को हुआ था हार्ट अटैकB

तब से कोई नहीं करना चाह रहा वीआईपी ड्यूटी

Bएनबीटी न्यूज, गाजियाबाद

Bवीआईपी ड्यूटी को लेकर स्वास्थ्य विभाग में घमासान मचा हुआ है। अस्पताल प्रबंधन और सीएमओ कार्यालय इस जिम्मेदारी से बचने के रास्ते खोज रहे हैं। दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी 5 दिन तक दिल्ली में थे। इस दौरान गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर्स की टीमें लगाई गई थीं। ड्यूटी के चौथे दिन सीएम की फ्लीट में तैनात एक जवान को हार्ट अटैक आ गया। इस दौरान एमएमजी अस्पताल के डॉक्टर को बुलाया गया तो उसने खुद को नेत्र विशेषज्ञ बताकर प्राथमिक उपचार से इनकार कर दिया था। जवान को तुरंत एम्स ले जाया गया। इस मामले में शासन से शिकायत की गई थी। शासन स्तर से मामले में सीएमओ और डीएम से भी पूछताछ की गई। इसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में सीएमओ ने कम्बाइंड अस्पताल प्रबंधन को वीआईपी ड्यूटी में डॉक्टर्स भेजने के निर्देश दिए। जवाब में सीएमएस ने लिखा है कि अस्पताल में फिजीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट नहीं हैं, लिहाजा दोनों की नियुक्ति अस्पताल में की जाए, इसके बाद ही वीआईपी ड्यूटी के लिए डॉक्टर्स भेजे जा सकते हैं। तब तक सीएमओ कार्यालय की ओर से वीआईपी ड्यूटी की जिम्मेदारी उठाई जाए।

Bयह है गाइडलाइन

Bसीएम ड्यूटी में फिजिशियन या कार्डियोलॉजिस्ट के साथ एक एनेस्थेटिस्ट भेजने की गाइडलाइन है। सीएम ड्यूटी में दोनों में से एक स्पेशलिस्ट और एनेस्थेटिस्ट के अलावा एक फार्मासिस्ट और एक स्टाफ होना चाहिए।

Bजिले में 2 ही फिजीशियन

Bजिले में 10 फिजिशियन की जगह केवल 2 ही हैं। इनमें से एक डॉ. आर.पी. सिंह जिला एमएमजी अस्पताल में तैनात हैं और दूसरे खुद सीएमओ डॉ. एन.के. गुप्ता हैं। जबकि कार्डियोलॉजिस्ट एक ही हैं, जो जिला एमएमजी अस्पताल में तैनात हैं। लगातार 5 दिन सीएम ड्यूटी होने के चलते दोनों डॉक्टर्स को भेजा जा रहा था। घटना वाले दिन डॉ. आरपी सिंह नाइट ड्यूटी करके लौटे थे और कार्डियोलॉजिस्ट अस्पताल में नहीं थे। इसके चलते आई स्पेशलिस्ट डॉ. मदन लाल को सीएम ड्यूटी में भेजा गया था।

Bनहीं मिलती कोई सुविधा

Bडॉक्टरों का तर्क है कि जिले में पहले ही कम डॉक्टर हैं। गाइडलाइन के अनुसार, जरूरी डॉक्टर्स भी नहीं है। इसके अलावा उन्हें कई घंटे पहले बुलाया जाता है और उनके लिए किसी तरह की सुविधा भी नहीं होती, उन्हें ऐंबुलेंस में ही बैठना पड़ता है। डॉक्टर्स को ओपीडी के अलावा कई अन्य ड्यूटी भी करनी पड़ती हैं।

BकोटB

वीआईपी ड्यूटी के लिए एमएमजी और कम्बाइंड अस्पतालों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि सीएम ड्यूटी में केवल फिजीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट को ही भेजा जाए। शासन से स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की नियुक्ति करने की मांग की गई है। -डॉ. एन.के. गुप्ता, सीएमओ

Source: Uttarpradesh

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