कोरोना कितना गंभीर, चिनफिंग को थी जानकारी

पेइचिंग
चीन की सरकारी मीडिया ने हाल में राष्ट्रपति शी चिनिफिंग का भाषण प्रकाशित किया है जिससे पहली बार संकेत मिला है कि नए के संक्रमण से निपटने के शुरुआती अभियान का नेतृत्व वह स्वयं कर रहे थे। 3 फरवरी को दिए गए भाषण को प्रकाशित कर यह दिखाने की कोशिश की गई कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व ने शुरुआत में ही निर्णायक कार्रवाई की, लेकिन इससे चिनफिंग की आलोचना भी शुरू हो गई कि आखिर लोगों को शुरू में ही क्यों आगाह नहीं किया गया।

भाषण में चिनफिंग ने कहा कि उन्होंने 7 जनवरी को वायरस से मुकाबला करने और शहरों को बंद करने के निर्देश दिए थे जिसके अनुपालन की शुरुआत 23 जनवरी को महामारी के केंद्र रहे शहरों को बंद करने के साथ हुई। उनकी यह टिप्पणी शनिवार को सरकारी मीडिया में प्रकाशित की गई। कम्युनिस्ट पार्टी की शीर्ष निकाय स्थायी समिति को संबोधित करते हुए चिनफिंग ने कहा, ‘तेजी से फैल रही महामारी की पृष्ठभूमि और रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए 22 जनवरी को मैंने हुबेई प्रांत से लोगों के बाहर जाने पर विस्तृत और सख्त नियंत्रण लागू करने का अनुरोध किया।’

चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को बताया कि लगातार तीसरे दिन कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों में कमी आई है और मुख्यभूमि पर 2,009 नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या 68,500 हो गई है। महामारी के शुरुआती दौर में चिनफिंग की भूमिका को लेकर चीन सरकार ने चुप्पी साधी जो अपने सात साल के कार्यकाल में सबसे बड़ी राजनीतिक चुनौती का सामना कर रहे हैं।

चिनफिंग के भाषण से संकेत मिलता है कि शीर्ष नेताओं को खतरे की जानकारी सार्वजनिक करने से हफ्तों पहले उन्हें स्थिति की गंभीरता की जानकारी थी। जनवरी के आखिर में ही अधिकारियों ने बताया कि वायरस इंसान से इंसान को संक्रमित कर सकता है जिसके बाद सतर्कता बढ़ी। वर्ष 2002-2003 में सार्स वायरस से फैली महामारी के बाद से ही ऐसे मामलों से निपटने को लेकर चीन सरकार की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है क्योंकि तब भी महीनों तक मामले को दबाने की कोशिश की गई।

Source: International

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