महाराष्ट्र: विभागों का बंटवारा, जानें किसे क्या मिला

मुंबई
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार में आखिरकार मंत्रालयों को बंटवारा हो गया। इस बंटवारे में शिवसेना के हाथ अहम मंत्रालय हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी को गृह मंत्रालय, पीडब्ल्यूडी, शहरी विकास, इंडस्ट्री जैसे मंत्रालय मिले हैं जबकि कांग्रेस को राजस्व, महिला एवं बाल कल्याण, आदि मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा गया है। वहीं, एनसीपी को ग्रामीण विकास, जल संसाधन और वित्त मंत्रालय मिला है। बता दें कि सरकार गठन के करीब 15 दिन बाद मंत्रालयों का बंटवारा किया गया है।

शिवसेना के हाथ गृहमंत्रालय
राज्य सरकार में अहम गृह मंत्रालय शिवसेना के हाथ आया है। पार्टी के सीनियर नेता एकनाथ शिंदे को गृह मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा उन्हें शहरी विकास, पर्यावरण, पीडब्ल्यूडी, टूरिजम और संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है। शिंदे के साथ ही पार्टी के सुभाष देसाई को इंडस्ट्री, उच्च और तकनीकी शिक्षा, खेल और युवा, रोजगार मंत्री बनाया गया है।

एनसीपी को वित्त मंत्रालय
गठबंधन में अहम भूमिका रखने वाली शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को वित्त मंत्रालय सौंपा गया है। पार्टी के सीनियर नेता जयंत पाटील को वित्त मंत्री का पद सौंपा गया है। उन्हें इसके अलावा हाउसिंग, खाद्य आपूर्ति और मजदूर मंत्रालय भी सौंपा गया है। उनके अलावा सीनियर नेता छगन भुजबल को ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, जल संसाधन और राज्य आबकारी मंत्री बनाया गया है।

कांग्रेस को राजस्व
वहीं, 44 विधायकों वाली कांग्रेस को राजस्व और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय मिला है। पार्टी के सीनियर नेता बालासाहेब थोराट को राजस्व, स्कूली शिक्षा, पशुपालन एवं मत्स्य पालन और नितिन राउत को पीडब्ल्यूडी आदिवासी विकास, अन्य पिछड़ा वर्ग विकास, महिला एवं बाल कल्याण, राहत एवं पुर्नस्थापन मंत्रालय मिला है।

अजित पवार को लेकर थीं संभावनाएं
बता दें कि पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि पिछले महीने बीजेपी की तीन दिन की सरकार में देवेंद्र फड़णवीस के साथ उपमुख्यमंत्री बने एनसीपी के
को उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली नई सरकार में वित्त मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, एनसीपी के
को उपमुख्यमंत्री के साथ ही गृह मंत्री बनाए जाने की खबरें थीं लेकिन उन्हें वित्त मंत्रालय मिला।

ऐसी थीं अटकलें
अस्थायी समझौते के अनुसार, 56 विधायकों वाली शिवसेना को 10 पोर्टफोलियो, 54 विधायकों वाली एनसीपी को 7 मंत्री और एक उपमुख्यमंत्री का पद मिलने की अटकलें थीं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के 44 विधायक हैं और उसे स्पीकर के साथ ही 6 मंत्री पद दिए जा सकते हैं। गठबंधन में प्रत्येक दल की राजनीतिक जरूरतों और इच्छा को ध्यान में रखकर पोर्टफोलियो में साझेदारी तय की जा रही है।

Source: National

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