यूपी के बरेली जिले की आंवला तहसील में वसूली के आरोप में दो दरोगा और दो कॉन्स्टेबल समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। क्षेत्र के गांव ढकिया के प्रधान से सात लाख रुपये वसूलने वाले दो दारोगा, दो पुलिस कर्मियों और एक होमगार्ड के खिलाफ अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पहले की गयी शिकायत की जांच में रुपये वसूलने के आरोप प्रथम दृष्टया सही मिले हैं, जिस पर एसएसपी ने चारों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडेय ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर क्षेत्राधिकारी (सीओ) को जांच दी थी। प्रथमदृष्टया आरोप सही पाए जाने पर चारों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। प्रधान छत्रपाल की तहरीर पर दरोगा नितिन शर्मा, मुकेश कुमार, सिपाही देवेंद्र, धनंजय व एक अज्ञात होमगार्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उनसे बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह फरार हो गए हैं। रुपये वापस दिए गए या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। प्रकरण की जांच जारी रहेगी।
एसपी देहात डॉक्टर संसार सिंह बताया कि सोमवार को ढकिया के प्रधान छत्रपाल ने ग्रामीणों के साथ अलीगंज थाने पहुंचकर घेराव किया था। उनका आरोप था कि आठ दिसंबर को वह बिशारतगंज के गांव मिलक बहादुरगंज से वापस आ रहे थे। उसी दौरान गांव भीकमपुर के पास दरोगा नितिन शर्मा और मुकेश कुमार ने सिपाही देवेंद्र कुमार, धनंजय व एक होमगार्ड से उनकी कार रुकवाई।
कार में मादक पदार्थ होने की बात कही और तलाशी लेने लगे। जब कार में कुछ नहीं मिला तो सभी पुलिस कर्मी कार समेत उन्हें ऐंठपुर के जंगल में ले गए। वहां कार में दरोगा नितिन ने मादक पदार्थ रखकर विडियो बनाया। फिर उसे थाना अलीगंज ले गए। प्रधान छत्रपाल ने बताया कि थाने में झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का डर दिखाया। सात लाख रुपये लेने के बाद उसे छोड़ा गया। छत्रपाल ने मामले की तहरीर एसपी देहात को दी थी, जिस पर मामले की जांच सीओ आंवला को दी गई थी। मंगलवार देर शाम एसएसपी शैलेश पांडेय ने मामले का संज्ञान लेते हुए सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
Source: Uttarpradesh