Bविशेष संवाददाता, टीएचए
रॉन्ग साइड Bचलने, हेलमेट या सीट बेल्ट न लगाने और यातायात नियम तोड़ने पर जुर्माने की कई खबरें आप पढ़ चुके होंगे। इन पर अफसरों के भाषण भी सुने होंगे, लेकिन जब जरूरी उपाय करने की बारी अफसरों की होती है तो वे जिम्मेदारी को फुटबॉल बना देते हैं। कोहरे का मौसम शुरू हो चुका है। शहर में कई ऐसे पॉइंट हैं, जहां हादसे रोकने के लिए रिफ्लेक्टर की जरूरत है। इसके बावजूद अफसर हैं कि इस कमी पर जाग ही नहीं रहे। हाल ही खत्म हुए यातायात माह के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने यातायात नियमों पर लोगों को जागरूकता का पाठ पढ़ाया था। दूसरी तरफ, विभागों के बीच तालमेल की कमी और एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने के रवैये से लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं।
ठंड बढ़ने के साथ-साथ कोहरे ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। बावजूद इसके शहर की ज्यादातर सड़कों से सफेद पट्टी गायब है। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी होती है। धुंध में उन्हें पता ही नहीं चलता कि सड़क कहां खत्म हो रही है। इसके अलावा अवैध कट और तेज टर्न भी काफी खतरनाक साबित हो सकते है। यहां साइन बोर्ड और रिफ्लेक्टर भी नहीं लगाए गए हैं। शाम के समय ज्यादातर कट पर पुलिस के जवान नहीं रहते। स्मॉग और धुंध में हादसे कम करने के लिए नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के पास बजट आता है, लेकिन खर्च कहां होता है इसका कोई हिसाब नहीं है। स्मॉग शुरू होते ही हादसों का ग्राफ बढ़ने लगता है।
Bये है नियम
B-हर यू-टर्न पर रिफ्लेक्टर और कैट आई जरूर हो
-छोटे टर्न के साथ हर 100 से 500 मीटर के बीच सूचना के बोर्ड हों
-यू-टर्न के आसपास रोशनी का पूरा इंतजाम हो
Bयहां है बेहद जरूरत
B-डाबर रेड लाइट से यूपी गेट की तरफ जाने वाली सड़क
-साइट 4 अंडरपास और वसुंधरा रेड लाइट टर्न
-वसुंधरा फ्लाइओवर के नीचे
-हिंडन बैराज टर्न
-वैशाली सेक्टर-4 और 6 की पुलिया टर्न
-हिंडन बैराज रोड से सिद्धार्थ विहार, वसुंधरा और कनावनी की तरफ जाने वाली सड़क
-कौशांबी और कनावनी मेन रोड
B
कोट…
Bरिफ्लेक्टर लगाने के लिए चौराहे चिह्नित किए जा चुके हैं। यहां रिफ्लेक्टर और ट्रैफिक सिग्नल दुरुस्त करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखा गया है। कोहरे के वक्त वाहन चालकों को भी रफ्तार पर नियंत्रण रखने की जरूरत है।
B-श्याम नारायण सिंह, एसपी ट्रैफिकB
Source: Uttarpradesh