झारखंड के चुनाव में मध्य प्रदेश के मंत्री उमंग सिंघार की दांव पर साख

भोपाल
झारखंड विधानसभा चुनाव में के आदिवासी नेता और राज्य सरकार में मंत्री की साख दांव पर लगी हुई है। सिंघार झारखंड के लिए चुनाव सह प्रभारी हैं, साथ ही उनकी गिनती के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी के तौर पर होती है। सिंघार अपने साथियों के साथ झारखंड में लंबे समय से डेरा डाले हुए हैं। झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान हो रहा है। यह इलाका आदिवासी बहुल है और कांग्रेस सहित अन्य दलों ने जातीय गणित को ध्यान में रखकर नेताओं और कार्यकर्ताओं की चुनाव प्रचार में जिम्मेदारी सौंपी है।

मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार को जहां राज्य का सह प्रभारी बनाया गया है, वहीं उन्हें प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सिंघार झारखंड में लगभग एक माह से डेरा डाले हुए हैं, और वह अपने साथ अपनी एक टीम भी लेकर गए हुए हैं। बता दें कि झारखंड की 81 सीटों में से 33 सीटों पर मतदान दो चरणों में हो चुका है। अब तीन चरणों में 48 सीटों पर मतदान होना है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ छह सीटें मिली थीं, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली पिछले चुनाव के मुकाबले अच्छी सफलता से कांग्रेस उत्साहित है और को गंभीरता से लड़ रही है।

‘ का सत्ता से बाहर होना तय’धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट से विधायक सिंघार ने कहा, ‘झारखंड में कांग्रेस पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करने वाली है। इस बार बीजेपी का सत्ता से बाहर होना तय है। इस बार कांग्रेस को 12 से 15 सीटें मिलनी तय है।’ कांग्रेस स्थानीय पार्टियों के साथ गठबंधन के तहत 31 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। झारखंड में दो चरणों का मतदान हो चुका है और तीसरे चरण में 12 दिसंबर, चौथे चरण में 16 दिसंबर और अंतिम चरण में 20 दिसंबर को मतदान होना है।

लोकसभा चुनाव से ही सह प्रभारी हैं सिंघार
सिंघार का दावा है कि इस बार झारखंड में कांग्रेस की हिस्सेदारी से ही सरकार बनेगी। उनका कहना है कि बीजेपी के खिलाफ लोगों में असंतोष है और मतदाता बीजेपी को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुके हैं। वनमंत्री उमंग सिंघार मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा आदिवासियों के हित में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार कर झारखंड में वोटरों को लुभाने की केाशिश कर रहे हैं। वह कमलनाथ सरकार की आदिवासी वर्ग को औषधि खेती कराने और उनकी जमीन पर खड़े पेड़ों की कटाई के नियमों को सरल किए जाने संबंधी योजनाओं का अपने प्रचार में विशेष रूप से जिक्र कर रहे हैं। बता दें कि कि वनमंत्री उमंग सिंघार लोकसभा चुनाव से ही झारखंड के सह प्रभारी हैं।

Source: Madhyapradesh

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