क्या आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के जरिये कोर्ट में सुनवाई होगी। चीन में तो ऐसा ही कुछ हो रहा है। यहां आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जज, साइबर कोर्ट तो मौजूद हैं ही अब चैट ऐप के जरिये फैसले सुनाए जा रहे हैं। चीन के सुप्रीम पीपल्स कोर्ट के पॉलिसी पेपर में कहा गया है कि साइबर स्पेस और टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर मामले के निपटारे में तेजी लाई जा रही है।
इस प्रयास में मोबाइल कोर्ट को शामिल किया गया है। यह मोबाइल कोर्ट दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर चल रहा है जिसने अब तक 30 लाख से अधिक कानूनी मामले को निपटाया है और न्यायिक प्रक्रियाओं को पूरा किया है। सुप्रीम पीपल्स कोर्ट के मुताबिक, इसे मार्च में लॉन्च किया गया है।
पॉलिसी पेपर को इसी सप्ताह जारी किया गया। अथॉरिटी ने इसके जरिये मीडिया को साइबर कोर्ट की झलक दिखाई। यह देश का ऐसा पहला कोर्ट है जिसकी स्थापना 2017 में हॉन्झोउ में की गई थी।
अथॉरिटी ने मीडिया को दिखाया कि कैसे हॉन्गझउ में इटरनेट कोर्ट संचालित होता है। इसमें याचिकाकर्ता विडियो चैट के जरिये आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जज के सामने पेश होते हैं। हॉन्गझउ कोर्ट में ऑनलाइन ट्रेड विवाद, कॉपीराइट केस और ई-कॉमर्स प्रॉडक्ट लिएबिलिटी क्लेम जैसे मामले में पेश किए गए हैं। वादी अपने सिविल मामले ऑनलाइन दर्ज कर सकता है और फिर कोर्ट में सुनवाई के लिए लॉग-इन कर सकता है। इस कोर्ट का मकसद जजों के भार को कम करना है।
Source: International