ऑस्ट्रेलिया में प्रेस सेंसरशिप के खिलाफ अभियान

कैनबरा
ऑस्ट्रेलिया में प्रेस की आजादी का अभियान जोर पकड़ रहा है। आज वहां देशभर के मीडिया संस्थानों ने सेंसर लागू करने के सरकारी प्रयासों के प्रतीक के तौर पर अपने-अपने अखबारों के पहले पन्ने पर गहरी मोटी लाइनें बनाकर दीं। इसके जरिए संदेश दिया गया कि आम नागरिकों को ‘सूचना प्राप्त करने का अधिकार’ है जिसे दबाया नहीं जा सकता। कैनबरा टाइम्स ने सवाल किया है, ‘जब सरकार आपसे सच छिपाती है, वह किन चीजों पर पर्दा डालती है?’

मीडिया संस्थानों और उद्योग समूहों ने के संगठन ऑस्ट्रेलियाज राइट टु नो ने yourrighttoknow.com.au नाम से एक वेबसाइट भी लॉन्च की है। इस पर ऑस्ट्रेलिया की केंद्र सरकार की बढ़ती गोपनीयता के खतरों से आगाह किया जा रहा है और ऑस्ट्रिलयाई नागरिकों से अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने की अपील की जा रही है।

वेबसाइट पर आमजन हितैषी पत्रकारिता भी हो रही है। यहां बैंकों में हो रही धांधली, वृद्धाश्रमों में अव्यवस्था और ऑस्ट्रेलिया के टैक्स डिपार्टमेंट को लोगों को बताए बिना उनके खातों से पैसे निकाल लेने के अधिकार को लेकर कई लेख प्रकाशित किए गए हैं। का प्रचार प्रिंट, डिजिटल, रेडियो और टेलिविजन, सभी संचार माध्यमों से किया जा रहा है। रविवार रात को सभी टीवी चैनलों पर इसके कमर्शल ऐड भी दिखाए गए।

दरअसल, इस कैंपेन की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के बड़े मीडिया संस्थान एबीसी और न्यूज कॉर्प की पत्रकार अनिका स्मेथर्स्ट के घर पर केंद्रीय पुलिस की छापेमारी के बाद हुई। दोनों संस्थानों को अब तक यह नहीं बताया गया है कि उनके जिन पत्रकारों को निशाना बनाया गया है, क्या उन पर मुकदमा भी चलेगा।

मीडिया संगठनों की तरफ से किए गए एक शोध से पता चला है कि 87 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई स्वतंत्र और पारदर्शी लोकतंत्र को तवज्जो देते हैं जिसमें आन नागरिकों को सरकार की हर गतिविधि की जानकारी होती है। वहीं, 37 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियन का मानना है कि ऐसा होता है।

Source: International

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *