कतर में फुटबॉल वर्ल्ड कप की तैयारी इन दिनों जोर-शोर से हो रहे हैं। कतर का तापमान दिल्ली से बहुत अधिक नहीं है और यह 48 डिग्री तक भी पहुंच जाता है। कतर में तापमान नियंत्रित करने के लिए बिल्डिंग के अंदर एयरकंडिशनर लगाए जा रहे हैं। 2022 में फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी इस छोटे से देश को करनी है। वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कतर इंजिनियरिंग समाधान करते हुए बिल्डिंग के अंदर एसी लगा रहा है ताकि शहर के बाहरी हिस्से को भी ठंडा किया जा सके।
कतर को तापमान नियंत्रण की है सख्त जरूरत
कतर का औसत तापमान 2 डिग्री. तक अधिक है और यह प्री इंडस्ट्रियल लेवल के लिए ग्लोबल लक्ष्य 1.5 डिग्री तक अधिक है। यह लक्ष्य 2015 में पैरिस जलवायु परिवर्तन के तहत तय किया गया था। अगर ग्लोबल वॉर्मिंग 2 डिग्री तापमान तक बढ़ता है तो इसका असर कतर के तापमान पर पड़ेगा। कतर पर्यावरण और एनर्जी रिसर्च इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर मोहम्मद अयूब ने कहा कि ग्लोबल तापमान का असर कतर पर पड़ेगा और यहां का तापमान 4-6 डिग्री तक बढ़ सकता है।
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कतर के तापमान और ह्यूमिडिटी के कारण यहां की परिस्थितियां और भी मुश्किल हो जाती है। इस साल जुलाई में समुद्री सरफेस तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। 1982 से 2015 के दौरान समुद्री सरफेस का तापमान पर्सियन खाड़ी और ओमान की खाड़ी में 10 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ गया है।
तापमान नियंत्रण के उपाय से कुछ दूसरी चिंताएं भी
कतर के लिए तापमान नियंत्रण के उपाय के साथ दूसरी समस्याएं भी शुरू हो जाएंगी। कतर विश्व में सबसे अधिक कॉर्बन उत्सर्जन वाला देश है। यह अमेरिका की तुलना में 3 गुना अधिक और चीन से 6 गुना तक अधिक है। इसके बावजूद भी कतर हर जरूरी सार्वजनिक स्थल पर एसी लगा रहा है।
यहां तक कि फीफा वर्ल्ड कप मैच के लिए स्टेडियम की सीटों पर भी एसी लगाए जा रहे हैं। सड़क किनारे की दुकानों से लेकर सार्वजनिक खानपान की जगह पर भी एसी लगाए जाएंगे। शहर के बाहरी हिस्सों में एसी लगाने का मतलब है कि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन और बढ़ेगा और यह ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए खतरनाक है। एसी इंस्टॉलेशन का असर यह होगा कि कतर के कुल बिजली उत्पादन का 60% एसी में चला जाएगा, जबकि भारत में यह आंकड़ा 10% का और अमेरिका में 15% का है।
कतर में गर्मी के कारण खेलों का आयोजन मुश्किल
कतर पर इसका असर प्रतिकूल भी पड़ सकता है। बहुत गर्म मौसम वाले देश कतर में खेलों का आयोजन एक बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। महिलाओं के इस मैराथन आयोजन का वक्त बदलकर रात को रखना पड़ा। इसके बाद भी 68 में से 28 कंटेस्टेंट ऐसे थे जो मौसम की मार झेल नहीं पाए और रेस पूरी नहीं कर सके। बहुत से धावकों को वीइलचेयर पर ले जाना पड़ा तो कुछ को फर्स्ट ऐड देना पड़ा। मौसम को देखते हुए अमूमन मई-जून में आयोजित होनेवाले फीफा वर्ल्ड को इस बार नवंबर में आयोजित किया जाएगा।
Source: International