महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उनके सम्मान में यरूशलम में एक प्रदर्शनी आयोजित की गई जिसमें भारत के कुछ प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ ही कई प्रतिभाशाली युवा प्रतिभाओं की कृतियों को भी शामिल किया गया है। आयोजकों द्वारा जारी एक बयान के अनुसार यह प्रदर्शनी रविवार को शुरू हुई और इसे ‘सत्य के साथ प्रयोग’ (एक्सपेरिमेंट विद द ट्रुथ) शीर्षक दिया गया है।
यरूशलम बाइनेले संस्था के संस्थापक और क्रिएटिव डायरेक्टर रामी ओजरी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कृतियां आध्यात्मिक मान्यताओं और मानव समस्याओं और आशाओं का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चित्रण करती हैं या आश्चर्य और विडंबना के साथ अंतिम सत्य को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कृतियां गांधी के व्यक्तित्व को दर्शाती हैं। प्रत्येक कृति सच्चाई के साथ मानवता के प्रयोगों और ईश्वर के लिए शाश्वत प्रयास को भी दर्शाती हैं।
प्रदर्शनी में सतीश गुजराल, अंजलि इला मेनन, असित पटनायक, अर्पणा कौर, अविजित रॉय, बिमन बी दास, अम्बालिका चित्रकारा, नीरज गुप्ता, कोटा नीलिमा, रिनी धूमल, नरेन सेनगुप्ता, सिद्धार्थ, सीमा कोहली, श्रुति चंद्रा और वसुंधरा तिवारी की कृतियों प्रदर्शित की गयी हैं। ललित कला अकादमी ने भी इसमें सहयोग किया है। बयान में कहा गया है कि दृश्य कला की भाषा का उपयोग करते हुए प्रदर्शनी का उद्देश्य पारंपरिक भारतीय दृष्टिकोण से लेकर धार्मिक विचार का पता लगाना है।
Source: International