ब्रिटेन में भारतीय समुदाय से जुड़े संगठनों ने कश्मीर से हटाए जाने के खिलाफ जारी प्रस्ताव को लेकर लेबर पार्टी के नेता को चिट्ठी लिखकर विरोध दर्ज कराया है। संगठन ने कहा है कि आपकी पार्टी ने कश्मीर पर ब्रिटिश राजनीतिक पार्टियो के स्टैंड का उल्लंघन किया है जो इस मुद्दे को भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा मानता है। लेबर पार्टी की इस हरकत से ब्रिटेन में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा।
संगठन ने अपनी चिट्ठी में लिखा, ‘लेबर पार्टी के हालिया कॉन्फ्रेंस में एक आपातकालीन प्रस्ताव पारित किया है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहा है। जैसा कि आपके खुद के कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह प्रस्ताव पक्षपात भरा है।’
इसने आगे कहा, ‘हम ब्रिटेन की राजनीति में कश्मीर के मसले को लाने की कोशिश पर चिंतित हैं, जो कि सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करेगा। हमने 15 अगस्त 2019 को भारतीय उच्चायोग के बाहर भयावह दृश्य और गिरफ्तारियां देखी हैं।’
संगठन ने घरेलू राजनीति पर ध्यान देने की नसीहत देते हुए कहा, ‘ऐसे समय में जब ब्रेग्जिट के कारण देश के दो हिस्से हो गए हैं, हमारे लिए जरूरी है कि हम ब्रिटेन में उन समुदायों को तोड़ें जो हमारे यहां रहकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ हमारे दीर्घकालीक और मूल्यवान रणनीतिक साझीदार के साथ हमारे कूटनीतिक रिश्ते को बर्बाद कर रहा है।’
उल्लेखनीय है कि कॉर्बिन ने पिछले गुरुवार को को भारतीय राजनीति में तब घमासान पैदा कर दिया था जब उन्होंने यह कहा था कि इसी हफ्ते के शुरुआत में कांग्रेस के ब्रिटिश प्रतिनिधियों के मुलाकात के दौरान कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर चर्चा हुई। इसने सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस में वाकयुद्ध को जन्म दे दिया था।
बीजेपी ने कांग्रेस पर शर्मनाक छल कपट करने का आरोप लगाया और उससे स्पष्टीकरण मांगा जबकि कांग्रेस ने उस पर देश में आर्थिक मंदी के सवालों का निराकरण करने के बजाय झूठ फैलाने का आरोप लगाया।
Source: International