झारखंड पुलिस कभी भी आ सकती गिरफ्तारी करने
भानुप्रतापपुर के भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम की मुश्किले बढ़ सकती है। बताते है कि छत्तीसगढ़ में मामला गर्माने के बाद झारखंड पुलिस पर दबाव बना हैं सवाल उठ रहे है कि 2019 में एफआईआर में नाम होने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई जबकि विवेचना में ब्रम्हानंद का नाम आया है, पीड़िता के 164 बयान में भी भाजपा के पूर्व विधायक का नाम आने के बाद टेल्को थाना पुलिस ने इस मामले के 10 आरोपियो में ब्रम्हानंद नेताम के नाम को शामिल किया तथा उसे फरार घोषित किया गया। बताते है उस समय भाजपा के छत्तीसगढ़ के एक कद्दावर भाजपा नेता ने तत्कालीन झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को मद्द के लिये फोन किया था उसके बाद से ही झारखंड पुलिस ब्रम्हानंद के मामले में आंख मूद ली थी। सूत्रों के अनुसार भाजपा में भी बवाल मचा हुआ है कि जब वरिष्ठ नेता को पूरे मामले की जानकारी थी तब ब्रह्मानंद को प्रत्याशी बनाये जाने के समय वे क्यों चुप रहे। उस वरिष्ठ नेता का कहना है कि प्रत्याशी बनाने के पहले मुझसे पूछा नही गया था। इसलिये मैने बताना जरूरी नहीं समझा। बताते है इस मामले में अमित शाह के यहां कुछ नेताओं की क्लास लगने वाली है।