रायपुर। भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव बीजेपी को चुनौती दी है। उन्होंने प्रदेश और भिलाई के विकास को लेकर शहर के किसी भी चौक-चौराहे पर चर्चा के लिए चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के 15 साल के कार्यकाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के 3 साल भारी पड़े हैं। बीजेपी नेताओं के आभा मंडल पर कोहरा छाया हुआ है। उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार और शहर सरकार की उपलब्धि दिखाई नहीं दे रही है।
देवेंद्र की चुनौती का जवाब देते हुए भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि भूपेश सरकार ने कर्ज लेने और देवेंद्र ने पेवर ब्लॉक लगाने के अलावा किया ही क्या है। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद छावनी, खुर्सीपार समेत नगरीय निकाय के लोगों को पट्टा मिलना शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में और भी लोगों को पट्टा के रूप में जमीन मालिकाना हक मिलेगा। इससे उन्हें आसानी से बिजली का कनेक्शन मिल जाएगा। मोर जमीन मोर मकान योजना के तहत पक्का मकान का सपना पूरा होगा।
संपत्तिकर कम करने वाला पहला नगर निगम
देवेंद्र यादव ने कहा कि आज शहर के सभी बड़े मार्केट और नेशनल हाइवे के किनारे में सार्वजनिक शौचालय है। लेकन बीजेपी को ये सारे कार्य दिखाई नहीं दे रहा है। बीजेपी नेता संपत्ति कर में 50 फीसदी कम करने का निर्णय लेने वाले प्रदेश के पहले नगर पालिका निगम भिलाई के महापौर का संकल्प प्रस्ताव भी भूल गए हैं। सबसे पहले नगर पालिका निगम भिलाई ने ही संपत्ति कर में 50 फीसदी तक छूट देने का फैसला लिया था। जबकि भाजपा की सरकार ने संपत्ति कर में 50 फीसदी की एक मुश्त बढ़ोत्तरी का आर्थिक बोझ लोगों पर डाल दिया था।
पेवर ब्लॉक को लेकर साधा निशाना
विधायक की इस चुनौती पर भाजपा जिला मीडिया प्रभारी सुभाष शर्मा का कहना है कि भाजपा ने 15 सालों में जो विकास के कार्य किए हैं, कांग्रेस ने उसका फीता काटने के अलावा कुछ नहीं किया। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने शहर में पेवर ब्लॉक लगाने के अलावा किया ही क्या है। जनता जानती है कि यह पेवर ब्लॉक किस फैक्ट्री से आ रहे हैं और उसका दाम कहां जा रहा है।
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी का कहना है कि देवेंद्र बताएं कि वह अब तक खुर्सीपार क्षेत्र में पेयजल क्यों नहीं पहुंचा पाए। शहर के लोग एक साल से खराब पानी पीने को मजबूर हैं। वो बताएं कि कुछ साल पहले उनके महापौर रहते हुए 49 लोग डेंगू महामारी से कैसे मरे। कांग्रेस सरकार ने मरने वाले 49 लोगों के परिवार को क्या-क्या मुआवजा दिया।