गाजियाबाद
प्रदेश सरकार ने प्राधिकरण के एरिया में हुए को पेनल्टी लेकर वैध करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए शमन योजना 2020 को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब नई योजना को प्रदेश के सभी प्राधिकरणों को भेजकर सुझाव और संबंधित स्टेक होल्डर्स की राय मांगी गई है। जीडीए ने अपने स्तर पर सुझाव और स्टेक होल्डर की राय को भेज दिया है। जीडीए के चीफ आर्किटेक्ट टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी का कहना है कि शमन योजना 2020 के माध्यम से अवैध निर्माण को वैध किए जाने का रास्ता खुल जाएगा। इससे अवैध निर्माण करने वाले लोगों को शमन करवाने में बहुत अधिक दिक्कत भी नहीं आएगी। उम्मीद है कि मार्च महीने तक शमन योजना 2020 को शासन स्तर से लागू कर दिया जाए।
प्रदेश सरकार ने प्राधिकरण के एरिया में हुए को पेनल्टी लेकर वैध करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए शमन योजना 2020 को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब नई योजना को प्रदेश के सभी प्राधिकरणों को भेजकर सुझाव और संबंधित स्टेक होल्डर्स की राय मांगी गई है। जीडीए ने अपने स्तर पर सुझाव और स्टेक होल्डर की राय को भेज दिया है। जीडीए के चीफ आर्किटेक्ट टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी का कहना है कि शमन योजना 2020 के माध्यम से अवैध निर्माण को वैध किए जाने का रास्ता खुल जाएगा। इससे अवैध निर्माण करने वाले लोगों को शमन करवाने में बहुत अधिक दिक्कत भी नहीं आएगी। उम्मीद है कि मार्च महीने तक शमन योजना 2020 को शासन स्तर से लागू कर दिया जाए।
पुख्ता करने होंगे आग बुझाने के इंतजाम
अधिकारी बताते हैं कि नई शमन योजना में एक अतिरिक्त अवैध मंजिल को भी वैध किया जाएगा, लेकिन इस मंजिल को तभी वैध किया जाएगा जब वहां पर अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सही पाई जाएगी। इससे एक अतिरिक्त फ्लोर के निर्माण होने से जिसे ध्वस्त किया जाता था अब वह सभी वैध हो जाएगी। एक शर्त यह है कि दिए गए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) का 20 फीसदी ही शमन होगा। यह मंजिल इस एफएआर की सीमा के भीतर ही होनी चाहिए।
अतिरिक्त यूनिट का शुल्क होगा कम
अभी तक जहां बहु आवासीय इकाइयों और ग्रुप हाउसिंग भवनों में प्रति अतिरिक्त यूनिट को शमन किए जाने के लिए 50 हजार रुपये लिया जाता है। अब इसे कम करके 20 हजार रुपये प्रति अतिरिक्त यूनिट किए जाने का प्रस्ताव है। दावा है कि इससे बड़ी संख्या में लोग निर्माण हुए अतिरिक्त यूनिट को शमन करवा लेंगे।