दुनियाभर में टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने वाले कार्यबल FATF की पैरिस में होने वाली अहम बैठक से पहले पाकिस्तान के पीएम ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के दावे करने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि उनका देश अब आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माना कि शायद पहले ऐसा नहीं था। बता दें कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर FATF की काली सूची में डाले जाने से बचने की कोशिश में जुटा है। वह फिलहाल इस वैश्विक संगठन की ग्रे लिस्ट में है।
देश में अफगान शरणार्थियों की मेजबानी के 40 साल पूरे होने पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में शांति चाहता है और युद्ध प्रभावित इस देश में स्थायित्व उसके हित में है। इमरान ने सम्मेलन में कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि यहां कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है।’
सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस भी हिस्सा ले रहे हैं। पाक पीएम ने कहा, ‘अतीत में संभवत: जो भी स्थिति रही हो, लेकिन, फिलहाल मैं आपको बता सकता हूं एक ऐसी चीज है जो हम चाहते हैं- वह है अफगानिस्तान में शांति।’ उल्लेखनीय है कि अमेरिका, भारत और अफगानिस्तान लंबे से पाकिस्तान पर तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध करने का आरोप लगाते रहे हैं।
‘ द न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने माना कि संभव है कि 9/11 के बाद देश में अफगान शरणार्थी शिविरों में ऐसे सुरक्षित पनाहगाह सक्रिय रहे हों। इमरान ने कहा, ‘सरकार कैसे यह पता कर पाएगी कि आतंकवादी कैसे इन शिविरों से अपनी गतिविधियों का संचालन करते हैं।’ उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है क्योंकि पाकिस्तान में अफगान शरणार्थी शिविरों में एक लाख से अधिक लोग हैं।
Source: International