धोबीघाट ROB को दीपावली तक चालू करने की उठी मांग

B- दिल्ली चुनाव के बाद यूपी में डैमेज कंट्रोल करने के लिए बीजेपी ने बुलाई समीक्षा बैठक

– ठेकेदार ने 6 महीने में काम पूरा करने का किया दावा

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एनबीटी न्यूज, गाजियाबाद

दिल्ली में करारी हार के बाद यूपी में बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। रविवार को पिछले 5 साल से लंबित पड़े धोबीघाट आरओबी की प्रगति रिपोर्ट जनता के सामने रखने के लिए सभा का आयोजन किया गया। सभा में प्रदेश के स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग को धोबीघाट आरओबी के बारे में समीक्षा करनी थी लेकिन पूर्व बीजेपी विधायक नरेंद्र सिसौदिया के देहांत के कारण वे सभा में नहीं पहुंच सके। उनके स्थान पर बीजेपी महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सभा की अध्यक्षता की। सभा में 6 महीने में आरओबी का निर्माण कार्य पूरा होने का दावा किया गया। हालांकि लोगों ने इसे दीपावली तक तो पूरा करने की मांग की।

विजयनगर को शहर से जोड़ने के लिए लगभग पांच साल पहले शुरू किए गए धोबीघाट आरओबी का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। आरओबी निर्माण की कछुआ गति को लेकर विजयनगर वासियों में खासा रोष भी है। सभा में आरओबी का निर्माण कर रहे ठेकेदार बालकृष्ण शर्मा ने बताया कि पहले इस पुल की चौड़ाई साढ़े सात मीटर की थी लेकिन सांसद वीके सिंह ने इसकी चौड़ाई को साढ़े नौ मीटर तक बढ़वाकर पूरे लेआउट को बदलवाया है। बालकृष्ण शर्मा के मुताबिक अभी इस पुल को पूरा होने में कम से कम 6 माह का समय लगेगा। इस पर लोगों ने कहा कि दीपावली से पहले इस आरओबी का लाभ मिलना चाहिए।

बीजेपी महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि सांसद एवं केंद्रीय मंत्री वीके सिंह इस प्रॉजेक्ट पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने इसका काम जल्द से जल्द पूरा कराने के भी निर्देश अधिकारियों व ठेकेदार को दे दिए हैं। इस मौके पर बीजेपी पार्षद सुनील यादव, राज्यमंत्री के प्रतिनिधि राजेंद्र मित्तल मेदी वाले, अजय राजपूत, नीरज गोयल, आरके आर्य आदि मौजूद रहे।

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बिना अनुमति रेलवे परिसर में लगा दिया तंबूB

बीजेपी की ओर से रेलवे स्टेशन विजयनगर परिसर में सभा आयोजित की गई। इसके लिए टेंट लगाकर कुर्सियां लगाई गईं। क्षेत्र के लोगों को भी यहां बुलाया गया। कार्यक्रम के बारे में रेलवे के स्थानीय प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गई और न ही रेलवे से यहां टेंट लगाने की अनुमति ही ली गई। सुबह जब टेंट लगना शुरू हुआ तो अधिकारियों को इसकी भनक लग गई। उसके बाद पता किया गया कि आखिर यहां कार्यक्रम करने की अनुमति किससे ली गई थी तो पता चला कि टेंट बिना अनुमति के ही लगाया गया। हालांकि रेलवे की ओर से इसे रोका नहीं गया और सभा स्थल पर सुरक्षा पुख्ता की गई।

Source: Uttarpradesh

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