– डीएम ने जीडीए को पत्र लिखकर 6 बिंदुओं पर मांगी थी जानकारी
– जिले में बिना सीसी बिल्डर ने आवंटियों को दे दिया है पजेशन
– इन फ्लैटों में रहने वाले आवंटियों को आए दिन होती है दिक्कत
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वस, गाजियाबाद: Bडीएम अजय शंकर पांडेय ने 3 जनवरी को जीडीए को पत्र लिखकर 6 पॉइंट पर सूचना मांगी थी। इसमें बिल्डर का नाम, बिल्डिंग की लोकेशन, कुल आवासीय यूनिट की संख्या, बेचे गए भवनों की संख्या, बिना रजिस्ट्री के बेचे गए भवनों की संख्या और अपंजीकरण का कारण शामिल है। जीडीए ने अभी तक इसकी सूचना नहीं दी है। दरअसल, डीएम जानना चाहते हैं कि बिल्डरों ने कितने फ्लैट बिना रजिस्ट्री के बेच दिए। साथ ही कितनी सोसायटी में बिना कंप्लीशन सार्टिफिकेट (सीसी) पजेशन दे दिया गया है।
इस संबंध में ओएसडी सुशील कुमार चौबे का कहना है कि प्रवर्तन प्रभारियों को 2 बार रिमाइंडर दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक सूचना नहीं दी गई है। अब इस प्रकरण को सचिव के सामने उठाया जाएगा। वहां से निर्देश के बाद ही अब प्रवर्तन प्रभारी जांच रिपोर्ट देंगे। तब इसे जिलाधिकारी कार्यालय को भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि सूचना देने में देरी का एक कारण यह है कि इसमें जीडीए की प्रवर्तन टीम फंस सकती है। बिना सीसी के फ्लैट बेचने का नियम नहीं है, लेकिन जिले में बड़ी संख्या में फ्लैट बिना सीसी बेच दिए गए। आए दिन यहां पर बिल्डर और रेजिडेंट्स के बीच सुविधाओं को लेकर विवाद रहता है। राजनगर एक्सटेंशन में ऐसी कई सोसायटी हैं।
Bराजस्व का हो रहा नुकसान
Bडीएम को सब रजिस्टार से पता चला कि बिल्डर आवंटियों से भवनों का पूरा पैसा लेकर पजेशन देते हैं, लेकिन रजिस्ट्री यह कहते हुए नहीं करते हैं कि अभी तक बिल्डिंग का सीसी नहीं हुआ है। इस कारण बड़ी मात्रा में स्टांप और राजस्व की हानि हो रही है। साथ ही आवंटियों को फ्लैट के स्वामित्व का दस्तावेज नहीं मिल रहा है। पत्र में कहा गया कि जीडीए बिल्डर को सीसी के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है। इस कारण बिल्डर सीसी नहीं ले रहे हैं। इससे आवंटियों को बिजली, पानी, लिफ्ट, सीवर, सफाई समेत अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डीएम ने कहा कि ऐसे सभी भवनों की जांच कराकर यह तय किया जाए कि कब्जा देने वाले बिल्डर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्री करें। जिन बिल्डरों ने बिना रजिस्ट्री कब्जा दिया है उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
Source: Uttarpradesh