हुवावे को लेकर US के दावे से बढ़ी भारत की चिंता

वॉशिंगटन
भारत में ट्रायल में हिस्सा लेने जा रही की मोबाइल कंपनी पर एकबार फिर ने सनसनीखेज आरोप लगाया है। अमेरिकी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ-ब्रायन का कहना है कि हुवावे अपने नेटवर्क और अन्य तरीकों से यूजर्स की संवेदनशील जानकारियों को हासिल में सक्षम है। ब्रायन ने यह बयान मंगलवार को दिया।

अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा चीन की कंपनी को लेकर दिए गए बयान ने दुनियाभर में इस कंपनी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे या फिर करने की योजना बना रहे देशों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। भारत ने जहां हुवावे को 5G ट्रायल हिस्सा लेने पर कोई रोक नहीं लगाई है, वहीं ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन ने अपने यहां 5G नेटवर्क में सीमित भूमिका अदा करने की अनुमति दी। हुवावे को लकेर अमेरिका की आशंकाओं की एक बड़ी वजह फाउंडर रेन झेंगफेई का चीनी सेना का पूर्व इंजिनियर होना है। अमेरिका पिछले साल ही चीन की इस कंपनी पर डेटा सुरक्षा का हवाला देकर प्रतिबंध लगा चुका है। इस प्रतिबंध के बाद अमेरिका और चीन के रिश्ते काफी तल्ख हो गए थे।

ओ ब्रायन ने मंगलवार को अपने बयान में कहा, ‘अमेरिका पास ऐसे सबूत हैं, जो साबित कर सकते हैं कि यह कंपनी दुनियाभर में मौजूद अपने सिस्टम से संवेदनशील और निजी जानकारियां हासिल कर सकती है। यह चिंताजनक है, क्योंकि कानून के हिसाब से चीन की कंपनियां वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के निर्देशों का पालन करने को बाध्य हैं। हम एक ऐसी कंपनी को देख रहे हैं जो अपनी बाजार में स्थिति का उपयोग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लक्ष्यों को पूरा करने में सकती है।’ आपको बता दें कि हुवावे डेटा सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों को हमेशा नकारता रहा है। कंपनी लगातार दावा करती रही है कि वो चीन की सरकार के प्रति जवाबदेह नहीं है।

भारत के लिए अमेरिकी अधिकारी का हालिया बयान इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि हाल ही में केंद्र सरकार ने हुवावे के देश में 5G ट्रायल में शामिल होने की अनुमति दी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार इस बात की काफी ज्यादा संभावना है कि यह कंपनी कम कीमत की वजह से देश में 5G नेटवर्क के लिए बोली जीत जाए। अगर ऐसा होता है तो भारत में डेटा सुरक्षा को लेकर एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। आपको बता दें कि भारतीय सेना भी सरकार को हुवावे को भारत में 5G ट्रायल में शामिल करने को लेकर चिंता जता चुकी है। सेना को अंदेशा है कि हुवावे को भारत में 5G नेटवर्क की जिम्मेदारी मिलने से उसके कमांड और कमयुनिकेशन सेंटर्स की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।

सेना के अलावा संघ से जुड़े संगठन स्वेदशी जागरण मंच भी हुवावे को भारत में 5G ट्रायल में हिस्सा लेने को लकेर आपत्ति जता चुका है। स्वेदशी जागरण मंच ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए पीएम मोदी को चीन की किसी भी कंपनी के ट्रायल में शामिल नहीं करने का अनुरोध करते हुए पत्र भी लिखा था।

Source: International

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