जिनेवा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को चीन के घातक का आधिकारिक नाम ‘कोविड-19’ होगा। इस वायरस की पहचान पहली बार 31 दिसंबर 2019 को चीन में हुई थी। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एधानोम गेब्रेयेसुस ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, ‘अब हमारे पास बीमारी के लिए नाम है और यह है।’ उन्होंने नाम की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘को’ का मतलब ‘करॉना’, ‘वि’ का मतलब ‘वायरस’ और ‘डी’ का मतलब ‘डिसीज’ (बीमारी) है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को चीन के घातक का आधिकारिक नाम ‘कोविड-19’ होगा। इस वायरस की पहचान पहली बार 31 दिसंबर 2019 को चीन में हुई थी। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एधानोम गेब्रेयेसुस ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, ‘अब हमारे पास बीमारी के लिए नाम है और यह है।’ उन्होंने नाम की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘को’ का मतलब ‘करॉना’, ‘वि’ का मतलब ‘वायरस’ और ‘डी’ का मतलब ‘डिसीज’ (बीमारी) है।
डब्ल्यूएचओ ने करॉना को विश्व के गंभीर खतरा बताया है। दिसंबर में इस वायरस की पहचान होने के बाद से अब तक अकेले चीन में 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 42,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं और यह 25 देशों में फैल चुका है। वायरस में भाग लेने वाले वैज्ञानिक इस वायरस की उत्पत्ति पर भी विमर्श करेंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि वायरस की उत्पत्ति चमगादड़ों में हुई होगी और यह मनुष्य में सांपों और पैंगोलिन जैसे जीवों के जरिए फैला होगा। ऑस्ट्रेलिया, चीन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका की कई कंपनियां और संस्थान करॉना वायरस का टीका विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं।
Source: International