आनंद ने अपनी किताब ‘माइंड मास्टर’ लांच के मौके पर कहा, ‘रिटायरमेंट का ख्याल आता है लेकिन कम से कम इस साल मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा। मेरे पास जितने भी टूर्नमेंट हैं, मैं उनमें अच्छा खेलना चाहता हूं।’ इस किताब की सह लेखिका पत्रकार सुजान नीनन हैं।
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50 वर्षीय आनंद ने कहा, ‘मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता। क्वॉलिफिकेशन चक्र काफी अनिश्चितताओं भरा है, इसलिए मैं हमेशा देखता हूं कि अगर किसी टूर्नमेंट के लिये क्वॉलिफाइ हो गया हूं तो ही मैं इसके बारे में चिंता करूंगा लेकिन दो चरण पहले ही इसके बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं।’
आनंद अब रैंकिंग में 15वें स्थान पर खिसक गए हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में चूकने से किसी तरह के पछतावे की बात पूछने के बारे में आनंद ने कहा, ‘नहीं, मुझे क्यों पछतावा होना चाहिए। नहीं, बिलकुल नहीं। अगर थोड़ा सा ऐसा कुछ था तो वह पिछले साल ही था लेकिन अक्टूबर में यह स्पष्ट हो गया था कि मैं चुनौती नहीं दे रहा हूं और बस। मैंने इसे स्वीकार कर लिया और आगे बढ़ गया। अगर मैं कर लेता हूं तो यह ठीक है। लेकिन मैंने पहले ही पांच बार खिताब जीत लिए हैं तो मुझे निराश क्यों होना चाहिए।’
Source: Sports